सोमवार, 7 नवंबर 2011

जन्म मृत्यु के बीच विकास |

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मानव शरीर को जन्म मृत्यु के बीच विकास की 7 अवस्थाओं 
से गुजरना पड़ता है।
आयु के प्रथम सात वर्ष भौतिक शरीर (पशु शरीर) के निर्माण के होते है।
8-14 वर्ष भाव शरीर,
15-21 सूक्ष्म शरीर,
22 से 28 मन शरीर,
29-35 आत्म शरीर,
36-42 ब्रह्म शरीर,
42-49 के बीच निर्वाण शरीर का निर्माण होता है।
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तमाम मनुष्यों का जीवन और मृत्यु के बीच का सफर पशु शरीर 

में ही ब्यतीत हो जाता है। समझ सकते है कि किसी भी विकास
क्रम की अवस्था पर मनुष्य की आगे की दिशा रूक सकती है 
और शेष जीवन उसी विकास अवस्था में गुजर सकता है।
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अत स्वच्छ एवं निर्मल भाव शरीर का निर्माण 

ही दिशा और इच्छा तय करता है।


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